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मूसलाधार बारिश से कन्या छात्रावास में घुसा पानी: प्रशासन ने छात्राओं को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया

24 घंटे से हो रही मूसलाधार बारिश से नदी नाले उफान पर पवई. क्षेत्र में पिछले 24 घंटे से मूसलाधार बारिश हो रही है। जल स्तर बढऩे से सुबह करीब ११ बजे ही प्रशासन ने कन्या छात्रावास को खाली करा लिया। छात्राओं को कलेही माता मंदिर के पास बने सावर्जनिक भवन में भोजन कराने के

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MR. RAJVEER NAMDEV

8/6/20241 मिनट पढ़ें

परिचय

पवई क्षेत्र में मूसलाधार बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले 24 घंटे से जारी इस बारिश ने नदी-नालों के जल स्तर को खतरनाक स्तर तक बढ़ा दिया है। इसके चलते प्रशासन को कड़ी कार्यवाही करनी पड़ी है।

कन्या छात्रावास पर संकट

मूसलाधार बारिश के कारण कन्या छात्रावास में पानी घुस गया है। जल स्तर बढ़ने की स्थिति को देखते हुए, प्रशासन ने सुबह करीब 11 बजे ही छात्रावास को खाली करने का निर्णय लिया। समय की गंभीरता को समझते हुए, प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से छात्राओं को सुरक्षित स्थान पर भेजने की व्यवस्था की।

प्रशासन की तत्परता

प्रशासन की तत्परता ने एक बड़ी दुर्घटना को टाल दिया। छात्राओं को कलेही माता मंदिर के पास बने सार्वजनिक भवन में अस्थायी रूप से ठहराया गया है। प्रशासन ने यहां रहने की और भोजन की पूरी व्यवस्था की है, ताकि छात्राओं को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।

स्थानीय समुदाय की सहायता

स्थानीय समुदाय के लोगों ने भी इस संकट की घड़ी में प्रशासन का पूरा सहयोग किया। क्षेत्र की जनता ने मिलकर छात्राओं की हर संभव मदद की, जिससे एक सुरक्षित माहौल बनाए रखा जा सके।

निष्कर्ष

पवई क्षेत्र में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। प्रशासन की त्वरित कार्यवाही और स्थानीय समुदाय के सहयोग से किसी बड़ी हानि से बचा जा सका है। यह घटना हमें सतर्क और संगठित रहने की शिक्षा देती है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए हम भली-भांति तैयार रहें।

मूसलाधार बारिश से कन्या छात्रावास में घुसा पानी, आनन-फानन में प्रशासन ने छात्राओं से खाली कराया छात्रावास

24 घंटे से हो रही मूसलाधार बारिश से नदी नाले उफान पर

पवई: क्षेत्र में पिछले 24 घंटे से मूसलाधार बारिश हो रही है। जल स्तर बढ़ने से सुबह करीब 11 बजे ही प्रशासन ने कन्या छात्रावास को खाली करा लिया। छात्राओं को कलेही माता मंदिर के पास बने सार्वजनिक भवन में भोजन कराने के बाद यहां से प्रशासन ने छात्राओं को सेमरिया छात्रावास में ठहरने का प्रबंध किया है। रविवार की सुबह कटनी-पन्ना मुख्य मार्ग चमरहा नाला एवं दमोह-सतना मार्ग के कलेही पुल के ऊपर पानी आ जाने से बंद हो गए। प्रशासन द्वारा मार्ग को बेरिकेट लगाकर बंद कर दिया गया। इससे इन मार्गों से आवागमन नहीं हो सका। घरों में घुटनों तक पानी भर गया।

तहसीलदार प्रीति पंथी एवं थाना प्रभारी त्रिवेंद्र त्रिवेदी ने लोगों को समझाइश देकर शेल्टर होम (मंगलभवन) भिजवाया। वहीं चमरहा नाला के पास घर में फंसे पांच परिवारों को ट्यूब और लकड़ी की नाव बनवाकर रेस्क्यू कर शेल्टर होम भेजा। साथ ही प्रशासन द्वारा नदी नालों के किनारे बसे ग्रामों में भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मुनादी करते हुए रुकने की व्यवस्था की जा रही है। बारिश अभी भी जारी है। मौके पर एसडीओपी सौरभ रत्नाकर, तहसीलदार प्रीति पंथी, थाना प्रभारी त्रिवेंद्र त्रिवेदी सहित राजस्व एवं पुलिस अमला मौजूद है।

बाढ़ की चपेट में पूरा शाहनगर क्षेत्र

शाहनगर: जिले में 48 घंटे से हुई बारिश से बाढ़ के हालात हो गए हैं। पूरे शाहनगर क्षेत्र में रविवार को दिनभर बाढ़ जैसे हालात रहे। शाहनगर-बोरी मार्ग बंद होने से सैकड़ों गांव प्रभावित रहे। शाहनगर-सारंगपुर-कल्दा मार्ग भी अलोनी नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण बंद रहा। कूपना घाट पर सड़क के ऊपर लगभग 10 फीट पानी बह रहा है। वहीं कई जगह पर देखा जा रहा है कि लोग रपटा पुलिया के ऊपर पानी होने पर भी वाहनों को निकाल रहे हैं। कई गांवों में बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुसने लगा। कांग्रेस नेता अनिल तिवारी ने प्रभावित गांवों का दौरा कर प्रशासन को स्थिति से अवगत कराया।

मुड़वारी-पवई मार्ग बंद

मुड़वारी: लगातार 24 घंटे से बारिश होने से केन नदी का जलस्तर बढ़ने से क्षेत्र के घोड़ासर गांव में पानी भर गया। कुछ पंचायत के दो-तीन गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। लोगों की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं, अभी भी बारिश जारी है।

हजारों हेक्टेयर फसल बर्बाद

बाढ़ के कारण जिले के पवई, शाहनगर, अमानगंज, मोहंद्रा, सिमरिया, सुनवानी क्षेत्र में बोई गई हजारों हेक्टेयर की फसल जलमग्न होने से बर्बाद हो गई। इससे किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा। जिला प्रशासन से फसलों को हुए नुकसान का सर्वे कराए जाने की मांग भी की गई है।

पाठा नाला, बिघरा पुल के ऊपर पानी

अमानगंज के पास पंडवन में सात नदियों का संगम है। जिले की प्रमुख नदियां केन, व्यारमा, पतने और मिढ़ाकर में बाढ़ का असर अमागनंज क्षेत्र में भी साफ दिखाई दे रहा है। क्षेत्र के चारों तरफ तेज बारिश से पाठा नाला के ऊपर पानी बहने से उक्त मार्ग से रात से ही आवागमन बंद हो गया था। वहीं तिघरा और तेघरा-भड़ार के पुल के ऊपर भी पानी होने के कारण ये भी मार्ग ठप रहा। कई जगह गांव में भी पानी घुस गया है, जिससे आम जनमानस को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस प्रशासन एवं बचाव दल सक्रिय है और फंसे हुए लोगों की मदद में लगे हुए हैं।

सुनवानी कला के बड़े नाले में लगा जाम

रातभर की बारिश के कारण से सुनवानी से अमानगंज के बीच सुनवानी नाला के ऊपर पानी होने से कोई भी वहां नहीं आ जा सका। इसी तरह से अमानगंज से सुनवानी मार्ग भी प्रभावित रहा।